के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay    पर 12 जून 2024    टिप्पणि (0)

सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG प्रश्नपत्र लीक की शिकायतों पर NTA से जवाब माँगा

सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) को नोटिस जारी किया है, जिसमें NEET-UG 2024 परीक्षा से जुड़ी प्रश्नपत्र लीक होने के आरोपों पर जवाब माँगा गया है। इन आरोपों ने छात्रों के बीच गहन चिंता और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की अवकाश पीठ ने इस मामले की सुनवाई के लिए 8 जुलाई की तारीख तय की है। उक्त आरोपों के कारण परीक्षार्थियों में असंतोष और निराशा की भावना बढ़ी है।

अधिवक्ता ने उठाया मुद्दा

10 छात्र-पिटीशनर्स की ओर से अधिवक्ता मैथ्यूज जे. नदुम्पारा ने अदालत से काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक की मांग की, लेकिन न्यायमूर्ति नाथ ने इस याचिका को खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति नाथ ने कहा, 'काउंसलिंग शुरू होने दीजिए, हम इसे रोकने का आदेश नहीं देने जा रहे हैं।' इस मामले में छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रश्नपत्र लीक होने के कारण कुछ केंद्रों पर परीक्षार्थियों ने पूरे अंक प्राप्त किए, जिससे मेधावी छात्रों को प्रवेश में कठिनाई का सामना करना पड़ा।

प्रश्नपत्र लीक का प्रभाव

इन आरोपों से यह अंदेशा बढ़ गया है कि कुछ छात्र अवैध तौर पर उच्च अंक प्राप्त कर रहे हैं जबकि योग्य और मेहनती छात्रों को उनके सही अंक प्राप्त करने में बाधा हो रही है। इस वर्ष 720 में से 650 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है। पिछले साल की तुलना में इस वर्ष 35,000 छात्रों ने 650 या उससे अधिक अंक प्राप्त किए हैं, जबकि 2023 में यह संख्या मात्र 7,000 थी।

काउंसलिंग प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं

काउंसलिंग प्रक्रिया पर कोई रोक नहीं

हालांकि आरोप लगाने पर सुनवाई अभी भी बाकी है, सुप्रीम कोर्ट ने काउंसलिंग प्रक्रिया में कोई रोक नहीं लगाई है। NEET-UG 2024 के परिणाम घोषित कर दिए गए हैं और काउंसलिंग की प्रक्रिया जारी रहेगी। न्यायालय ने कहा कि सुनवाई के बाद यदि आवश्यक होगा, तब इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा। इससे स्पष्ट होता है कि कोर्ट फिलहाल काउंसलिंग प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहता।

छात्रों की मांग

छात्रों की मांग है कि इस प्रश्नपत्र लीक की घटना की जांच हो और पूरी परीक्षा को रद्द कर एक नई परीक्षा आयोजित की जाए। उनका यह भी मानना है कि लीक हुई प्रश्नपत्र से परीक्षा देने वालों को अनुचित लाभ प्राप्त हुआ है, जिससे अन्य योग्य छात्रों को उनके हक से वंचित होना पड़ा है। इस मामले ने पूरे शिक्षा तंत्र को चुनौती दी है और इसमें पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की गई है।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस बीच अधिकारियों का कहना है कि इन आरोपों की सघन जांच की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर छात्र को न्याय मिले। NTA ने यह भी कहा है कि वे अपनी प्रणाली की सुरक्षा को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठा रहे हैं ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हो सकें। अधिकारी इससे जुड़े सभी सबूतों की व्यापकता से जांच कर रहे हैं।

शिक्षा प्रणाली पर भारी दबाव

शिक्षा प्रणाली पर भारी दबाव

इस घटना ने भारत की शिक्षा प्रणाली में व्याप्त खामियों को एक बार फिर उजागर कर दिया है। आज की तारीख में जहां छात्रों को कड़ी मेहनत और समर्पण के माध्यम से सफलता प्राप्त करनी चाहिए, वहीं कुछ लोग गलत तरीकों का सहारा लेकर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। इससे न केवल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल उठते हैं, बल्कि मेहनती छात्रों के मनोबल पर भी गहरा असर पड़ता है।

आगे की राह

इस मामले की सुनवाई के बाद ही स्पष्ट होगा कि अदालत इस मामले में क्या निर्णय लेती है। लेकिन यह सुनिश्चित करना कि हर छात्र को निष्पक्षता और समान अवसर मिले, हमारी शिक्षा प्रणाली के मूलभूत सिद्धांतों में से एक है। इसे ध्यान में रखते हुए, अदालत का निर्णय महत्वपूर्ण होगा और भविष्य में परीक्षाओं की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने में मदद करेगा।

निष्कर्ष

अभी तक यह देखना बाकी है कि कोर्ट का फैसला क्या होता है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि हमें अपने शिक्षा तंत्र को और भी अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाने की आवश्यकता है। छात्रों और शिक्षकों की मेहनत को पहचान और सम्मान मिलना चाहिए और इसके लिए आवश्यकता है कि हम सभी मिलकर इस दिशा में कदम बढ़ाएं।

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