के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 22 सित॰ 2024    टिप्पणि (6)

नरेंद्र मोदी लाइव अपडेट्स: पीएम ने क्‍वाड नेताओं के साथ मिलकर सर्वाइकल कैंसर से लड़ाई का लिया संकल्‍प

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और क्‍वाड नेताओं की पहल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर से वैश्विक स्‍तर पर नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन किया है। इस बार उन्होंने क्‍वाड शिखर सम्‍मेलन में भाग लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जो सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए डॉक्टरों को प्रशिक्षित करने की पहल है। इस पहल को यू.एस. राष्ट्रपति जो बाइडेन के नेतृत्‍व में पेश किया गया है।

इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में डॉक्‍टरों का प्रशिक्षण

इस पहल का मुख्‍य उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में डॉक्‍टरों के लिए सर्वाइकल कैंसर की स्‍क्रीनिंग और टीकाकरण का प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराना है। विश्‍व स्‍वास्‍थ्य संगठन के अनुसार, सर्वाइकल कैंसर एक संक्रामक बीमारी है जो महिलाओं की मौत का प्रमुख कारण बनती है। हर साल, यह बीमारी इस क्षेत्र में लगभग 1,50,000 महिलाओं की जान लेता है।

सर्वाइकल कैंसर का समय पर निदान और टीकाकरण ही इसके रोकथाम में सबसे महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल मौतों की संख्या को कम किया जा सकता है बल्कि इससे रोग की गंभीरता को भी कम किया जा सकता है।

कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम

कैंसर मूनशॉट कार्यक्रम में, जो विलमिंगटन, डेलावेयर में आयोजित किया गया था, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस पहल की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि सर्वाइकल कैंसर की स्कैनिंग और वैक्सीनेशन के बिना, यह बीमारी हजारों महिलाओं की जान ले सकती है। इसी कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बीमारी से निपटने के लिए भारत के दृष्टिकोण को 'वन अर्थ वन हेल्थ' के रूप में पेश किया।

हमारी पृथ्वी पर सभी लोगों के स्‍वास्‍थ्य को प्राथमिकता देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने $7.5 मिलियन की राशि प्रदान की है, जिसका उपयोग सर्वाइकल कैंसर डिटेक्‍शन किट्स और वैक्‍सीन्‍स के लिए होगा।

एक सामूहिक प्रयास

एक सामूहिक प्रयास

यह पहल एक व्यक्तिगत कदम नहीं है बल्कि यह क्‍वाड देशों के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। इसमें यू.एस., जापान और ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री भी शामिल हुए। इन सभी नेताओं का मकसद है कि इस क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर से लड़ने के लिए डॉक्‍टरों को प्रशिक्षित किया जाए और महिलाओं के स्‍वास्‍थ्य को सुधारा जाए।

इस कदम से सिद्ध हो जाता है कि जब वैश्विक नेताओं के बीच सम्मिलित प्रयास किए जाते हैं तो किसी भी बीमारी का मुकाबला किया जा सकता है।

प्रधानमंत्री मोदी की इस पहल के पीछे उनके देश को वैश्विक स्‍वास्‍थ्य नेता के रूप में पेश करने की दृष्टिकोण है। इस कदम को बहुत सराहा जा रहा है और यह उम्मीद की जाती है कि इस पहल से इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में महिलाओं की स्‍वास्‍थ्य स्थिति में बेहतरी आएगी।

नरेंद्र मोदी ने यह भी बताया कि यह पहल भारत और इसके मित्र देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी और सामूहिक रूप से स्वास्थ्य सेक्टर में और भी कई कार्यक्रमों को लागू करने में मददगार होगी।

इस पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मविश्वास और नेतृत्व की एक और मिसाल दी है, जो साबित करता है कि सामूहिक प्रयास ही किसी भी वैश्विक चुनौती का समाधान हो सकता है।

6 Comments

  • Image placeholder

    reshveen10 raj

    सितंबर 22, 2024 AT 23:03

    ऐसी पहल से डॉक्टरों को नई तकनीक सीखने का मौका मिलता है और महिलाओं की उम्र बढ़ी हुई जीवन expectancy में बड़ा योगदान रहता है। यह कदम वास्तव में स्वास्थ्य को प्राथमिकता देता है और अन्य देशों को भी प्रेरित करेगा।

  • Image placeholder

    Navyanandana Singh

    सितंबर 23, 2024 AT 00:20

    सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी के खिलाफ सामूहिक प्रयास को देख कर मन को एक गहरा शांति का एहसास होता है। इस तरह के अंतरराष्ट्रीय सहयोग में हमने अपने भीतर सहानुभूति की नई परतें देखी हैं।
    जब विश्व के नेता एक साथ खड़े होते हैं, तो दुरूह लक्ष्य भी छोटा लगने लगता है।
    मॉडल की तरह, इस पहल ने सामाजिक जिम्मेदारी को आत्मसात कर लिया है।
    आधुनिक चिकित्सा में स्क्रीनिंग और वैक्सीनेशन दो सबसे प्रभावी हथियार हैं, और उनका प्रसार ही सबसे बड़ा लक्ष्य होना चाहिए।
    क्वाड देशों की एकता दर्शाती है कि विज्ञान और नीति में कोई सीमाएँ नहीं होतीं।
    इंडो‑पैसिफिक क्षेत्र में लाखों महिलाओं की ज़िंदगियों को बचाने की संभावना अब सच्चाई की ओर बढ़ रही है।
    यह केवल एक आर्थिक निवेश नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों की पुनः पुष्टि है।
    भविष्य में अगर हम इस दिशा में निरंतर प्रयास करें, तो कैंसर के कारण मृत्यु दर में गिरावट देखना संभव है।
    हमारे युवा डॉक्टरों को प्रशिक्षण देना, उनका दृष्टिकोण बदल देगा और उन्हें अधिक जिम्मेदार बनाएगा।
    समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के लिए मीडिया की भूमिका भी अत्यंत आवश्यक है।
    इन नए डिटेक्शन किट्स की पहुँच ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँचाने से समानता स्थापित होगी।
    वैकसीन की उपलब्धता को सुनिश्चित करने के लिए आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करना होगा।
    संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के समर्थन के साथ यह मिशन और भी भरोसेमंद बनता है।
    अंत में, यह पहल हमें याद दिलाती है कि जब हम एक साथ चलते हैं तो बड़ी से बड़ी चुनौती भी हल हो सकती है।

  • Image placeholder

    monisha.p Tiwari

    सितंबर 23, 2024 AT 01:43

    विश्वस्तर पर यह सहयोग महिलाओं के स्वास्थ्य को सशक्त बनाता है। सरल शब्दों में कहें, तो इलाज की राह को आसान बनाता है। इस पहल से न केवल रोग का पता चलता है बल्कि उसके प्रकोप को भी रोका जा सकता है। हमें इस दिशा में और अधिक कदम उठाने चाहिए।

  • Image placeholder

    nayan lad

    सितंबर 23, 2024 AT 03:06

    समय पर स्क्रीनिंग सबसे बड़ी बचाव की रणनीति है।

  • Image placeholder

    Govind Reddy

    सितंबर 23, 2024 AT 04:30

    ऐसे प्रयासों से हमारे समाज में स्वास्थ्य जागरूकता की लहर चल जाती है। जब डॉक्टरों को नवीनतम तकनीक में प्रशिक्षण मिलता है, तो इलाज की दर स्वाभाविक रूप से बढ़ती है। इस पहल को समर्थन देना हमारे लिए एक ज़िम्मेदारी है।

  • Image placeholder

    KRS R

    सितंबर 23, 2024 AT 05:53

    यह केवल वित्तीय मदद नहीं, बल्कि एक रणनीतिक कदम है जो भविष्य में कई जीवन बचा सकता है।

एक टिप्पणी लिखें