डीमार्ट के शेयरों में भारी गिरावट: निवेशकों की उम्मीदें टूटीं
डीमार्ट, जिसे एवेन्यू सुपरमार्ट्स के नाम से भी जाना जाता है, के शेयरों में सोमवार, 14 अक्टूबर 2024 को बाजार खोलने के कुछ समय बाद ही 9.3% की तेज़ी से गिरावट देखी गई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर इनका मूल्य 4,143.60 रुपये के निचले स्तर तक पहुंचा। यह गिरावट कई ब्रोकरेज फर्मों के डीमार्ट के शेयर को डाउनग्रेड करने और टारगेट प्राइस को कम करने के बाद आई, क्योंकि डीमार्ट ने अपनी दूसरी तिमाही की आय रिपोर्ट में बाज़ार की अपेक्षाओं को पूरा नहीं किया।
डीमार्ट ने साल दर साल तुलना में अपने मुनाफे में 8% की वृद्धि दर्ज की है, लेकिन इसके बाद भी निवेशक परिणामों से मायूस दिखाई दिए। इसकी वजह यह थी कि कर पश्चात लाभ, जो सभी खर्चों के बाद बचता है, में पिछली तिमाही की तुलना में 12% से अधिक की गिरावट आई। कंपनी का कुल राजस्व इस तिमाही में 14,050.32 करोड़ रुपये था, जो पिछले साल के 12,307.72 करोड़ रुपये से 14% अधिक था। फिर भी यह वृद्धि निवेशकों और विश्लेषकों के लिए पर्याप्त नहीं थी।
प्रतिस्पर्धा की चुनौती: ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से टक्कर
डीमार्ट के लिए एक प्रमुख चुनौती 'क्विक कॉमर्स' सेक्टर की बढ़ती प्रतिस्पर्धा है। ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म्स से तेज़ी से डिलीवरी की सुविधा ने डीमार्ट के मार्केट शेयर पर असर डाला है, खासकर मेट्रो शहरों में। इस प्रतिस्पर्धा ने कंपनी के लिए मार्केट में अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती को दोगुना कर दिया है।
ब्रोकरेज फर्मों ने डीमार्ट की दूसरी तिमाही के परिणामों को नकारात्मक रूप से देखा है। जेपी मॉर्गन ने डीमार्ट की रेटिंग को 'ओवरवेट' से 'न्यूट्रल' में बदल दिया, यह ध्यान में रखते हुए कि कंपनी की बढ़ती लागत और ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म्स से प्रतिस्पर्धा उसके प्रदर्शन को प्रभावित कर रही है। विशेषकर बड़े शहरों में और इसके मौजूदा स्टोर्स की धीमी वृद्धि ने उसकी मार्जिन पर दबाव डाला है।
मॉर्गन स्टैनली ने डीमार्ट की रेटिंग को 'ओवरवेट' से 'अंडरवेट' में बदल दिया है। उनकी रिपोर्ट के अनुसार, डीमार्ट की बिक्री और लाभ मार्जिन उम्मीद से कमजोर थे, और ऑनलाइन ग्रॉसरी स्टोर्स से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण 20% वृद्धि का लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है।
नुवामा और प्रभुदास लीलाधर ने भी अपने लक्ष्यों को कम कर दिया है, यह बताते हुए कि डीमार्ट दूसरी तिमाही में अपने स्टोर के प्रदर्शन में कमज़ोर साबित हुआ है। ऑनलाइन ग्रॉसरी सेवा, डीमार्ट रेडी की वृद्धि भी अपेक्षित गति से धीमी रही।
इस प्रकार, डीमार्ट को बेहतर परिणाम प्राप्त करने और अन्य प्रतिस्पर्धियों के साथ मुकाबला करने के लिए अपनी रणनीतियों को पुनः विचार करने की आवश्यकता होगी। इसमें लागत प्रभावी पहल और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के साथ तालमेल जैसी पहल शामिल हो सकती हैं, ताकि डीमार्ट न केवल निवेशकों की अपेक्षाओं पर खरा उतरे बल्कि समर्थ रूप से अपने व्यापार को बढ़ा सके।

Manali Saha
अक्तूबर 14, 2024 AT 13:12चलो, सब मिलकर इस गिरावट को उलटते हैं!!!
jitha veera
अक्तूबर 15, 2024 AT 00:18डिमार्ट की गिरावट देख कर लगता है उनका प्रबंधन खुद ही इस बुरे दौर में फंस गया है।
बाजार ने बताया था कि ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा एक चुनौती है, फिर भी उन्होंने कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
यह बकवास नहीं चलनी चाहिए, निवेशक अब सच्ची जवाबदेही की मांग करेंगे।
Sandesh Athreya B D
अक्तूबर 15, 2024 AT 11:25वाओ, डिमार्ट की शेरों की रेस में अब टैंकही चल रहा है!
मानो उन्होंने अपने खुद के रेस्टॉरेंट में भी शून्य सर्विंग्स कर दी हों।
Anushka Madan
अक्तूबर 15, 2024 AT 22:32नैतिक रूप से कंपनियों को सामाजिक जिम्मेदारी नहीं भूलनी चाहिए, खासकर जब वे लाखों लोगों की रोज़मर्रा की ज़रूरतें पूरा करती हैं।
इस तरह के प्रदर्शन से जनता का भरोसा घटेगा।
nayan lad
अक्तूबर 16, 2024 AT 09:38डिमार्ट को अपनी लागत को घटाने और ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के साथ सहयोग बढ़ाने की जरूरत है। यह रणनीति मार्जिन को बचा सकती है।
Govind Reddy
अक्तूबर 16, 2024 AT 20:45बाज़ार की उदासी एक प्रतिबिंब है कि कैसे अति-विकास की धुंध में वास्तविक मूल्य खो जाता है।
जब कंपनियाँ अपने मूल सिद्धांतों को भूल जाती हैं, तो निवेशकों का विश्वास गिरता है।
monisha.p Tiwari
अक्तूबर 17, 2024 AT 07:52भाईयों और बहनों, हो सकता है कि डिमार्ट को नई डिजिटल रणनीति अपनानी पड़े, पर हमें याद रखना चाहिए कि हर परिवर्तन में सीखने का मौका होता है।
Nathan Hosken
अक्तूबर 17, 2024 AT 18:58कंपनी को अपनी सप्लाई चेन ऑप्टिमाइज़ेशन और एगाइल डिलिवरी मॉडल को सुदृढ़ करने पर फोकस करना चाहिए, जिससे कैपेक्स नियंत्रण में रहेगा और टॉपलाइन ग्रोथ सपोर्ट होगी।
Uday Kiran Maloth
अक्तूबर 18, 2024 AT 06:05डिमार्ट की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, यह आवश्यक है कि आपूर्तिकर्ता संबंधों को पुनर्स्थापित किया जाए और स्टोर फ़ॉर्मेट को स्थानीय मांगों के अनुरूप अपडेट किया जाए।
Deepak Rajbhar
अक्तूबर 18, 2024 AT 17:12देखिए, मार्जिन कम होने का कारण सिर्फ ऑनलाइन प्रतिस्पर्धा नहीं, बल्कि इनवेंटरी टर्नओवर की अकार्यक्षमता भी है 😊। अगर वे SKU प्रबंधन बेहतर करेंगे तो लाभ मार्जिन में सुधार हो सकता है।
Hitesh Engg.
अक्तूबर 19, 2024 AT 04:18डिमार्ट की वर्तमान स्थिति को समझने के लिए हमें कई पहलुओं को गहराई से देखना पड़ेगा।
पहला, उनकी बिक्री वृद्धि की गति पिछले वर्ष से केवल दो अंकों में थी, जो कि उद्योग की औसत से काफी कम है।
दूसरा, कॉस्ट स्ट्रक्चर में अप्रभावी खर्चों का बड़ा हिस्सा है, विशेषकर लॉजिस्टिक्स और इन्वेंटरी रखरखाव।
तीसरा, ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफ़ॉर्म्स के तेज़ी से बढ़ते दबाव ने पारंपरिक रिटेल मॉडल को चुनौती दी है।
चौथा, उनके स्टोर फॉर्मेट में स्थानीय पसंद को सम्मिलित करने की कमी स्पष्ट है।
पाँचवाँ, वे डिजिटलाइन टूल्स और डेटा एनालिटिक्स में निवेश करने में देर कर रहे हैं।
छठा, कर्मचारियों का प्रोत्साहन और ट्रेनिंग कार्यक्रम पर्याप्त नहीं हैं, जिससे सेवा गुणवत्ता प्रभावित होती है।
सातवाँ, उनके मार्केटिंग रणनीति ने युवा वर्ग को आकर्षित करने में असफलता दिखाई है।
आठवां, वित्तीय रिपोर्ट में कर पश्चात लाभ में गिरावट ने निवेशकों को भ्रमित किया है।
नौवाँ, ब्रोकरेज फर्मों की रेटिंग बदलने से शेयर की अस्थिरता बढ़ी है।
दसवाँ, प्रतिस्पर्धी कंपनियों जैसे बिग बास्केट और एटाल जैसी प्लेटफ़ॉर्म्स ने तेज़ डिलीवरी और वैरायटी से बाजार हिस्सेदारी बढ़ाई है।
ग्यारहवाँ, डिमार्ट को अब ब्रांड रीइमेजिंग और ग्राहक अनुभव सुधार पर फोकस करना चाहिए।
बारहवाँ, एकीकृत ऑम्नी-चैनल रणनीति अपनाने से ऑनलाइन और ऑफलाइन बिक्री को संतुलित किया जा सकता है।
तेरहवाँ, लागत नियंत्रण के लिए स्विचिंग सेवर प्रोग्राम और एरिक्टिव सप्लाई चेन मैनेजमेंट जरूरी है।
चौदहवाँ, यदि वे इस सब को समय पर नहीं करते, तो शेयर मूल्य में और गिरावट अनिवार्य होगी।
अंत में, शेयरधारकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे कंपनी की रणनीतिक दिशा को कड़ा निगरानी रखें।
Zubita John
अक्तूबर 19, 2024 AT 15:25भाईयो, डिमार्ट को अब बजटिंग और कैशफ्लो मैनेजमेंट को ठीक से हैंडल करना होगा, नहीं तो आगे और भी धसकेंगे।
gouri panda
अक्तूबर 20, 2024 AT 02:32मैं देख रहा हूँ तुम केवल दो लाइन में समाधान लिखते हो, पर असली मुद्दा तो यहाँ है – लागत में कटौती के साथ क्वालिटी भी बरकरार रखो!
Harmeet Singh
अक्तूबर 20, 2024 AT 13:38सही कहा दोस्त, हर चुनौती में एक सीख छिपी होती है; अगर हम सकारात्मक दृष्टिकोण रखेंगे तो डिमार्ट नई ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।
patil sharan
अक्तूबर 21, 2024 AT 00:45वाह, जैसे ही आप फ़ॉर्मल गाइडलाइन्स दे रहे हैं, मैं टीवी के रिमोट को ढूँढ रहा हूँ – शायद डिमार्ट को भी ऐसा ही लाइट‑सेटिंग चाहिए!
Nitin Talwar
अक्तूबर 21, 2024 AT 11:52देश के शेयर बाजार को विदेशी टके‑टुक में नहीं बदलना चाहिए 😊; हमें हमारी खुद की रिटेल हेरिटेज को सपोर्ट करना चाहिए।
onpriya sriyahan
अक्तूबर 21, 2024 AT 22:58मन में कई सवाल उठते हैं लेकिन एक चीज़ साफ़ है – डिमार्ट को अभी बदलाव की जरूरत है
Navyanandana Singh
अक्तूबर 22, 2024 AT 10:05जब बाजार की धड़कन धीमी पड़ती है, तो वह केवल आंकड़ों का खेल नहीं, बल्कि निवेशक के मन की निराशा का प्रतिबिंब है। इस निराशा को समझना जितना कठिन है, उतना ही आवश्यक भी है।
Jatin Kumar
अक्तूबर 22, 2024 AT 21:12मैं पूरी तरह सहमत हूँ कि भावना और आंकड़े दोनों को मिलाकर ही सही समाधान निकाला जा सकता है।
पहले, हमें स्टॉकहोम शैली की रिपोर्टिंग से हटकर वास्तविक समय की डेटा डैशबोर्ड बनानी चाहिए।
दूसरे, ग्राहक फीडबैक को तुरंत प्रोडक्ट डेवलपमेंट में इंटिग्रेट करना चाहिए।
तीसरे, लॉजिस्टिक्स पार्टनर के साथ सहयोग मॉडल को रिवर्स इनवेस्टमेंट पर आधारित करना चाहिए।
चौथे, इनोवेशन लैब स्थापित करके नई टेक्नोलॉजी का परीक्षण किया जा सकता है।
पांचवें, मार्केटिंग टीम को स्थानीय इवेंट्स और डिजिटल कैंपेन का संतुलन बनाना चाहिए।
अंत में, एक स्पष्ट टाइमलाइन के साथ सभी स्टेकहोल्डर्स को अपडेट रखना आवश्यक है।
ऐसा करने से ना सिर्फ शेयर की कीमत में स्थिरता आएगी, बल्कि ब्रांड का भरोसा भी बढ़ेगा।