के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 5 जुल॰ 2024 टिप्पणि (0)
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लाल कृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल से छुट्टी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और भारतीय राजनीति के एक प्रमुख व्यक्ति, लाल कृष्ण आडवाणी को 4 जुलाई 2024 को नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल से छुट्टी मिल गई है। प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी के निरीक्षण में उन्हें बुधवार शाम करीब 9 बजे अस्पताल में भर्ती किया गया था। यह घटना तब हुई जब आडवाणी को कुछ स्वास्थ्य समस्याएं महसूस हुईं और उन्हें तत्काल चिकित्सा सहायता की आवश्यकता पड़ी।
96 वर्षीय पूर्व उपप्रधानमंत्री का स्वास्थ्य पिछले कुछ समय से ठीक नहीं चल रहा था। इससे पहले भी, उन्हें 26 जून को एम्स में भर्ती कराया गया था, लेकिन एक दिन बाद ही उन्हें वहां से छुट्टी दे दी गई थी। आडवाणी की यह हाल की स्वास्थ्य समस्या उनके बुजुर्ग अवस्था के कारण और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय देश की सेवा में व्यतीत किया है।
लाल कृष्ण आडवाणी का प्रभावशाली करियर
लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक करियर लगभग तीन दशकों का रहा है। वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के निर्माण और उसके उत्थान में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं। उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को ब्रिटिश भारत के सिंध प्रांत (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था। 14 वर्ष की आयु में, जब उन्होंने 'भारत छोड़ो आंदोलन' से प्रेरित होकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हुए, तभी से उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई थी।
आडवाणी ने विभिन्न सरकारों में सूचना और प्रसारण मंत्री, गृह मंत्री और उपप्रधानमंत्री के रूप में अहम पदों पर कार्य किया है। उनका नाम अक्सर राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ा रहता है, जिसने 1990 के दशक में भारतीय राजनीति में भूचाल मचा दिया था। इस आंदोलन के दौरान उनकी 'रथ यात्रा' ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की और उस समय उन्हें हिंदुत्व विचारधारा के अनुयायियों के बीच एक हीरो के रूप में देखा गया।
व्यक्तिगत जीवन और योगदान
आडवाणी का व्यक्तिगत जीवन भी अत्यंत प्रेरणादायक है। उन्होंने अपने जीवन के हर चरण में देश की राजनीति और समाज को प्रभावित करने वाले कई निर्णय लिए। उनके नेतृत्व में भाजपा ने कई महत्वपूर्ण चुनाव जीते और देश की राजनीतिक धारा को दिशा दी।
आडवाणी का योगदान न केवल पार्टी के संगठनात्मक स्तर पर देखा जा सकता है, बल्कि उनके विचार और दृष्टिकोण ने भी भारतीय राजनीति को एक नया आयाम दिया। उनके लिए राजनीति हमेशा से ही सेवा का माध्यम रही है और यही कारण है कि उनके अनुयायी और प्रशंसक आज भी उनकी ऊर्जा और दृष्टिकोण से प्रेरित होते हैं।
संक्षेप में, लाल कृष्ण आडवाणी का नाम भारतीय राजनीति में हमेशा याद रहेगा। उनकी जीवन यात्रा और योगदान भारतीय राजनीति के किसी भी अध्याय में महत्वपूर्ण मानी जाएगी। आडवाणी की राजनीतिक और सामाजिक यात्रा अभी भी उनकी सक्रियता से प्रेरित होती है और उनके अनुयायियों के लिए वह प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

राम जन्मभूमि आंदोलन
1990 के दशक का राम जन्मभूमि आंदोलन भारतीय राजनीति में अति महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक रहा है। इस आंदोलन का मुख्य उद्देश्य अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण करना था। लाल कृष्ण आडवाणी इस आंदोलन के प्रमुख चेहरा रहे थे।
उन्होंने अपने नेतृत्व में एक 'रथ यात्रा' निकाली थी, जो भारतीय राजनीति में एक महतवपूर्ण मोड़ साबित हुई। इस यात्रा ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई और पार्टी को एक नई दिशा दी। इस आंदोलन की वजह से भाजपा का प्रभाव भारतीय राजनीति में बढ़ा और पार्टी को एक मजबूत पहचान मिली।
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आधुनिक भारतीय राजनीति में आडवाणी की भूमिका
लाल कृष्ण आडवाणी की भूमिका केवल राम जन्मभूमि आंदोलन तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने विभिन्न निर्वाचनों को जीतने में भाजपा की सहायता की और भारतीय राजनीति में महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है।
उन्होंने भाजपा को एक मजबूत संगठन में बदलने का काम किया, जिसके माध्यम से पार्टी ने कई राज्यों में सरकारें बनाई। उनके नेतृत्व ने पार्टी को एक राष्ट्रीय पहचान दिलाई और उन्हें भाजपा के कोर विचारधारा का स्तंभ माना जाता है।
उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने भारतीय राजनीति में भाजपा को मजबूत किया और आज पार्टी उनके द्वारा स्थापित नींव पर खड़ी है। आडवाणी के नेतृत्व ने कई नेताओं को प्रेरित किया और उन्हें राजनीति की सेवा में लाने में सहायता की।
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समाप्ति
लाल कृष्ण आडवाणी का राजनीतिक जीवन, जो लगभग तीन दशकों से अधिक समय तक चला, भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। उनके योगदान और उनकी नेतृत्व क्षमताओं ने भाजपा को एक मजबूत राजनीतिक दल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके व्यक्तिगत और राजनीतिक जीवन के प्रेरणादायक हिस्सों ने न केवल उनकी पार्टी, बल्कि भारतीय राजनीति में भी एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया है। उनकी स्वास्थ्य की हालिया चिंता सभी के लिए एक अनुस्मारक है कि भारतीय राजनीति का यह चमकता सितारा अब भी राजनीति में सक्रिय है और अपने योगदान से देश को दिशा दे रहा है।