के द्वारा प्रकाशित किया गया Krishna Prasanth    पर 1 अग॰ 2024    टिप्पणि (7)

दिल्ली में रिकॉर्ड बारिश: सफदरजंग में 107 मिमी से अधिक, पूर्वी दिल्ली में 147 मिमी से अधिक

दिल्ली में भारी बारिश से मची तबाही

दिल्ली में इस वर्ष की मॉनसून बारिश ने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 1 अगस्त 2024 को दिल्ली के सफदरजंग में 107 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो 2010 के बाद से यहां की सबसे ज्यादा बारिश है। इसके विपरीत, पूर्वी दिल्ली में बारिश का स्तर 147 मिमी से भी अधिक पहुंच गया, जिससे वहां की स्थिति और भी गंभीर हो गई।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान

मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही भारी बारिश की भविष्यवाणी की थी। विभाग के अनुसार, इस साल मॉनसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहा है, जिसके कारण पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी की मात्रा में वृद्धि हुई है। भारी बारिश का यह सिलसिला अगले कुछ दिनों तक जारी रहने की संभावना जताई जा रही है।

प्रभावित क्षेत्र

इस रिकॉर्ड बारिश से दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है। मुख्य रूप से पुरानी दिल्ली, नई दिल्ली, और दक्षिणी दिल्ली के इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है। कई इलाकों में पानी की निकासी व्यवस्था ध्वस्त हो गई है, जिससे लोगों के घरों और दुकानों में भी पानी घुस गया है।

सफदरजंग सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र है, जहां भारी बारिश के कारण मुख्य सड़कों पर कई फीट तक पानी जमा हो गया है।

सरकारी प्रयास

स्थिति को देखते हुए, दिल्ली सरकार और नगर निगम ने तत्काल प्रभाव से राहत कार्यों को शुरू किया है। जल निकासी के लिए पंप लगाए गए हैं, और आपातकालीन सेवाओं को तत्पर रखा गया है। हालांकि, भारी बारिश और जलभराव के कारण राहत कार्यों में भी दिक्कतें आ रही हैं।

यातायात और दैनिक जीवन पर असर

दिल्ली में रिकॉर्ड बारिश के कारण यातायात व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो गई है। कई रूट्स पर ट्रैफिक जम की स्थिति बनी हुई है, जिससे कार्यालय जाने वाले लोग समय पर अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। सार्वजनिक परिवहन सेवाओं पर भी भारी असर पड़ा है। रेलवे ट्रैक और मेट्रो स्टेशनों में भी पानी भर जाने के कारण संचालन प्रभावित हुआ है।

लोगों की परेशानियाँ

भारी बारिश से दिल्ली के नागरिकों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जलभराव के कारण लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और बाहर निकलने में असमर्थ हैं। बाजारों और दुकानों में भी पानी भर जाने से कई दुकानदारों को नुकसान हुआ है।

भविष्य के इंतजाम

इस प्रकार की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए सरकार को दीर्घकालिक इंतजाम करने की आवश्यकता है। बेहतर जल निकासी व्यवस्था और स्थायी उपायों की मांग की जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, शहरीकरण और गैर योजनाबद्ध विकास के कारण जलभराव की समस्या बढ़ गई है, जिसे नियंत्रित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।

हालांकि, इस बार की बारिश ने न केवल रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, बल्कि हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि किस प्रकार की योजना और संरचना हम अपने शहरों के लिए तैयार कर रहे हैं। आने वाले समय में, इस प्रकार की अप्रत्याशित और चरम मौसम की घटनाओं के लिए हमें और भी सतर्क रहना होगा।

7 Comments

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    Deepak Sonawane

    अगस्त 1, 2024 AT 22:31

    इसे व्यावसायिक जल निकासी की बुनियादी विफलता के रूप में वर्गीकृत किया जाना चाहिए, न कि केवल मौसमी अतिवृष्टि।

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    Suresh Chandra Sharma

    अगस्त 2, 2024 AT 15:00

    भाई लोग, अगर आप जमे हुए पाणि से बचना चाहते हो तो छोटे-छोटे एरिया में सैंडबैग रखो, इससे थोड़ी बहुत मदद मिल सकेगी।

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    sakshi singh

    अगस्त 3, 2024 AT 04:53

    सबसे पहले तो मैं सभी प्रभावित परिवारों को दिल से साहारा देना चाहूँगी, इस तेज़ बवंडर ने हमें एक साथ लाया है और हमें एकजुट होना चाहिए।
    दिल्ली की बुनियादी ढाँचा पहले से ही अत्यधिक दबाव में था, और इस रिकॉर्ड बारिश ने उस तनाव को और बढ़ा दिया।
    ऐसे समय में हमें न सिर्फ तत्काल राहत पर फोकस करना चाहिए, बल्कि दीर्घकालिक समाधान की भी योजना बनानी चाहिए।
    सरकार के पास यदि वैकल्पिक जल निकासी परियोजनाएँ हों तो यह बहुत उपयोगी हो सकता है, जैसे कि अपग्रेडेड कंट्रीजुटर सिस्टम और हाइड्रॉलिक मॉड्यूल।
    सामान्य जनता को भी छोटे-छोटे सावधानी उपाय अपनाने चाहिए जैसे कि घर के निचले हिस्से को जलरोधी बनाना।
    एक और महत्वपूर्ण पहलू है सामुदायिक सहयोग, जहाँ पड़ोसियों के बीच संसाधनों का बाँटाव किया जा सकता है।
    स्थानीय स्वयंसेवक समूहों को व्यवस्थित किया जा सकता है ताकि वे जल निकासी में मदद कर सकें।
    हमारी नदियों और नालों की सफाई भी एक बड़ी जरूरत है, क्योंकि अवरुद्ध नाल ही जलभराव का मुख्य कारण बनते हैं।
    भविष्य में ऐसे रिकॉर्ड बारिश से बचने के लिए जलभण्डारण प्रणाली को सुदृढ़ करना आवश्यक है।
    विज्ञानियों ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसे इवेंट्स अधिक बार हो सकते हैं, इसलिए हमें पहले से तैयार रहना चाहिए।
    यदि हम इस घटना को सीखने का मोका बना ले, तो अगली बार हम और बेहतर प्रतिक्रिया दे पाएँगे।
    आइए हम सब मिलकर इन कठिन समय को पार करें और एक बेहतर, अधिक लचीला दिल्ली बनाएं।
    सुरक्षित रहें, एक-दूसरे की मदद करें और सरकारी एजेंसियों के निर्देशों का पालन करें।
    अंत में, मैं आशा करती हूँ कि जल्द ही सभी घरों में फिर से शांति और सामान्य जीवन लौट आएगा।
    धन्यवाद।

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    Hitesh Soni

    अगस्त 3, 2024 AT 18:46

    सुरेश जी के सुझाव सराहनीय हैं, परन्तु यह आवश्यक है कि ऐसी प्राथमिकता को समुचित संरचनात्मक योजना के बिना लागू न किया जाए; अन्यथा अल्पकालिक उपाय दीर्घकालिक समस्याओं को और अधिक जटिल बनाते हैं।

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    rajeev singh

    अगस्त 4, 2024 AT 08:40

    नवीनतम वैश्विक जलवायु रिपोर्टों के अनुसार, दिल्ली जैसे महानगरों को जलसंकट के प्रति अधिक संवेदनशील माना जा रहा है; अतः हमें अपने शहरी संस्कृति में जल प्रबंधन को एक अभिन्न भाग के रूप में स्थापित करना चाहिए।

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    ANIKET PADVAL

    अगस्त 4, 2024 AT 22:33

    परम्परागत भारतीय मूल्यों एवं राष्ट्रीय स्वाभिमान के आधार पर, हमें यह चेतावनी दी जानी चाहिए कि ऐसी नाजुक अवस्थाओं में विदेशी तकनीकी समाधान का अंधाधुंध अपनाना उचित नहीं, बल्कि स्वदेशी उपायों को प्राथमिकता देनी चाहिए।

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    Abhishek Saini

    अगस्त 5, 2024 AT 12:26

    भाई सब, जफर ने अभी अभी एक बॅॅकअप पम्प लगायो, जल्दी ही फॉर्मे में सुधार आ जायेगा, तुम लोग भी थोड्ढा धय्याण रखो।

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