के द्वारा प्रकाशित किया गया Vivek Bandhopadhyay पर 3 जुल॰ 2024 टिप्पणि (0)
भारत का ट्विटर प्रतिद्वंद्वी कू बंद होने के कगार पर
भारत में माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्म कू, जो कि ट्विटर का एक प्रमुख प्रतिस्थापन माना जाता था, अपनी सेवाओं को बंद करने की तैयारी कर रहा है। यह निर्णय उस समय आया जब ऑनलाइन मीडिया फर्म डेलीहंट के साथ अधिग्रहण वार्ताएं असफल हो गईं। कू को 2020 में अपारमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने स्थापित किया था। यह प्लेटफार्म उपयोगकर्ताओं को ऑडियो और वीडियो सामग्री साझा करने की अनुमति देता है।
कू का विकास और निवेश
कू ने अपनी स्थापना के बाद महत्वपूर्ण निवेश प्राप्त किया था, जिसमें टाइगर ग्लोबल, एक्सेल, 3one4 कैपिटल, कालारी कैपिटल और ब्लूम वेंचर्स जैसे प्रमुख निवेशकों से 50 मिलियन डॉलर से अधिक की धनराशि शामिल थी। लेकिन इस प्लेटफार्म को अपने उपयोगकर्ता आधार को स्थिर करने और राजस्व उत्पन्न करने में कठिनाई हो रही थी। वित्तीय वर्ष 2022 में कंपनी को केवल 14 लाख रुपए की परिचालन आय हुई, जबकि 197 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
ग्राहक अधिग्रहण में आई रुकावट
कंपनी ने जून 2022 से सभी ग्राहक अधिग्रहण अभियानों को रोक दिया था, जिसका परिणाम यह हुआ कि सक्रिय उपयोगकर्ताओं की संख्या में भारी गिरावट आई। जून 2023 में जहां 7.2 मिलियन सक्रिय उपयोगकर्ता थे, वे अगले नौ महीनों में 62% की गिरावट के बाद 2.7 मिलियन पर आ गए।
रणनीतिक साझेदार की खोज
पिछले वर्ष में, कंपनी ने एक रणनीतिक साझेदार और अधिग्रहण के विकल्पों की खोज की, लेकिन इसके बावजूद भी कोई ठोस परिणाम नहीं निकला। महीनों तक चली चर्चाओं और संभावित अधिग्रहण समझौतों के बावजूद, स्थिति ने नकारात्मक मोड़ लिया।
संस्थापकों की प्रतिक्रिया
संस्थापकों, अपारमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका ने एक लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से यह घोषणा की कि प्लेटफार्म को चालू रखने के लिए प्रौद्योगिकी सेवाओं की लागत बहुत अधिक है और उन्हें यह कठिन निर्णय लेना पड़ा।
कू का बंद होना भारतीय सोशल मीडिया परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण बदलाव है। यह स्पष्ट करता है कि भले ही किसी प्लेटफॉर्म को भारी निवेश प्राप्त हो, लेकिन उपयोगकर्ता आधार और राजस्व जनरेशन की अलग चुनौतियाँ होती हैं।
भविष्य की योजना
हालांकि कू के संस्थापक भविष्य को लेकर स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन वे नए अवसरों की तलाश में हैं। उन्होंने संकेत दिया है कि वे भविष्य में किसी नई परियोजना के साथ आ सकते हैं।
निष्कर्ष
कू का बंद होना भारतीय स्टार्टअप समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है। यह दर्शाता है कि किसी पैसो की मात्रा की तुलना में व्यवसायिक मॉडल और सही रणनीतियाँ अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।